Hindi Hymn


आह वह प्यारी सलीब,
मुझको दिख पढ़ती है,
एक पहाड़ी जो खड़ी थी,
कि मसीह-ए-मसलूब ने नदामत उठा,
गुनाहगारों की ख़ातिर जान दी।।


CHORUS:
पस न छोड़ूँगा प्यारी सलीब,
जब तक दुनिया में होगा क़याम,
लिपटा रहूँगा मैं उसी से,
कि मसलूब में है अब्दी आराम।।


आह वह प्यारी सलीब,
जिसकी होती तहक़ीर,
है मुझको बेहद दिल अज़ीज़,
की खुदा ए महबूब और जलाली मसीह,
ने पहुँचाया उसे कैलवरी।।


मुझे प्यारी सलीब में जो लहू लुहान,
नज़र आती है ख़ूबसूरती,
की खुदा के यीशु ने कफ़्वारा दिया,
ताकि मिले मुझे ज़िंदगी।।


मैं उस प्यारी सलीब का रहूँ वफ़ादार,
सिपाही हमेशा ज़रूर,
जब तक मेरा मसीह ना करेगा मुझे,
अपने अब्दी जलाल में मंज़ूर।।

 


ईशवर तेरे समीप


1.ईश्वर तेरे समीप , मैं पहुचूं,
और क्रूस के द्वारा ही , सामर्थ पाऊं ,
यह गीत नित मैं गाऊंगा , तेरे समीप सदा ,


Ref
तेरे समीप सदा , और भी समीप


2. यात्री समान हूं डूब जावे दिन ,
अंधेरा छावे भी बिस्तर चट्टान,
नींद में मैं पाऊंगा दर्शन भी ईश्वर का ,


3. उठकर स्तुति तेरी मैं करूंगा ,
पत्थर से दुःखों पर जय पाऊंगा,
मुझे ईश्वर से क्या जो अलग करेगा ,


4. तू मुझे मार्ग दिखा स्वर्ग जाने का,
और लेकर मेरा हाथ मुझे चला,
दूतगण सहायता दे निकट पहुंचा,

 


उसके नाम की महिमा


क्रूस ही के पास जहां ख़ून बहा
दब के गुनाहों से मैं गया
ख़ून में वहां यह दिल साफ हुआ


Ref
उसकी हो तारीफ उसकी हो तारीफ
ख़ून में वहां यह दिल साफ हुआ
उसकी हो तारीफ


दूर हैं गुनाह मेरे बिल यकीन
दिल में अब येसु है तख्त नशीन
क्रूस का ही गीत मुझको शीरीन


क्रूस का वह चश्मा है बेश बहा
खुश हूं कि मैं उसके पास आया
खूब मुझको येसु ने साफ किया


आ देख यह चश्मा है साफ शपफाफ
आ ताकि हों तेरे गुनाह मुआफ
आ इस वक्त अभी हो तू साफ