Hindi Hymn

दिल के दाग को धोवे कौन


दिल के दाग को धोवे कौन?
लहू जो कि क्रूस से जारीः
मरे मर्ज को खोवे कौन!
लहू जो कि क्रूस से जारी।


बचना
वह चश्मा है मामूर,
दाग दिल के करता दूर,
है मुझको फिर मंजूर
लहू जो कि क्रूस से जारी।


मेरे मर्ज़ का शाफ़ी है,
लहू जो कि क्रूस से जारी,
मुआफ़ी को वह काफी है,
लहू जो कि क्रूस से जारी।


वह है मेरे कर्ज़ का दाम,
लहू जो कि क्रूस से जारी,
वह मेरा खास इनाम,
लहू जो कि क्रूस से जारी।


दुःख तकलीफ़ में है पनाह,
लहू जो कि क्रूस से जारी,
वह है मेरे घर की राह,
लहू जो कि क्रूस से जारी।

 


दूत सेना स्वर्ग से उतर के


1. दूत सेना स्वर्ग से उतर के
मीठा भजन क्‍यों गाती है?
किस लिए इतनी खुशी से
यह स्तुतिगान सुनाती है?


Ref
री० ग्लोरिया इन एकसेलसिस देओ।
ग्लोरिया इन एकसेलसिस देओ।


2. त्राणकर्ता स्वर्ग से उतर के
बेतलेहेम में पैदा हआ।
इसलिए दूत सेना मिलके
यों गाती है उसकी दया।


3. हे भाइयो, खूब आनन्द करके
बालक के पास तुम भी चलो।
और प्रेम से यह गीत सुना के
परमेश्वर की स्तुति करो।


4. हे येसु प्रभु हमारे,
खूब खुशी से हम आते हैं।
हमलोग भी दूतों से मिलके
सारे दिल से यों गाते हैं।

 



क्या तुम गये यीशु पास


क्या तुम गये यीशु पास कि दिल होवे पाक?
क्या उस सोते में साफ़ हुए हो?
जो सलीब से बहता है कि होवे नजात,
क्या उस सोते में साफ़ हुए हो?


Refrain
क्या तुम साफ़ हुए हो, सब गुनाह से तुम,
साफ़ हुए हो?
क्या लिबास तुम्हारे, हुए खून से सफ़ेद?
क्या उस सोते में साफ़ हुए हो?


क्या तुम यीशु साथ चलते, रोज़ व रोज़?
क्या उस सोते में साफ़ हुए हो?
क्या तुम अपना भरोसा उस पर रखते हर रोज़ ?
क्या उस सोते में साफ़ हुए हो?


तब बे दाग और बे ऐब, तुम ठहरोगे जरूर,
गर उस सोते में साफ़ हुए हो?
और आसमानी जलाल में, तुम रहोगे मसरूर,
कि उस सोते में


Kya Tum Gayee Yeeshu Paas


Kya tum gaye Yeeshu paas ki dil hove paak?
Kya us sote mein saaf hue ho?
Jo saleeb se bahata hai ki hove najaat,
Kya us sote mein saaf hue ho?


Refrain
Kya tum saaf hue ho,
Sab gunaah se tum, hue ho saaf?
Kya libaas tumhaare, hue khoon se safed?
Kya us sote mein saaf hue ho?


Kya tum Yeeshu saath chalate, roz va roz?
Kya us sote mein saaf hue ho?
Kya tum apana bharosa us par rakhate har roz?
Kya us sote mein saaf hue ho?


Tab be daag aur be aib, tum thaharoge jaroor,
Gar us sote mein saaf hue ho?
Aur aasamaanee jalaal mein, tum rahoge
masaroor, ki us sote mein